
Pragnancy जिंदगी का सबीएसई खूबसूरत सफर है, सबसे खुशी भरा एहसास है, लेकिन कभी कभी मूड स्विंग हमे और हमारे आस पास के लोगों को परेशान कर देती है, ये मूड स्विंग्स नैचुरल तो होते हैं लेकिन कभी कभी ये हमारे आस पास के माहौल और चीजों के कारण भी होते हैं | गर्भावस्था मे आपके डॉक्टर आपको healthy और फिट रहने के लिए कुछ सावधानियाँ और रूटीन बताते हैं, कौन कौन सी चीज़ें खानी हैं, कब खानी है से लेकर योगा और व्यायाम जैसी चीजों के बारे मे जागरूक करते हैं | लेकिन कुछ बातें हैं जो आपको Doctor नहीं बताते हैं, जब तक आप ढेर सारे सवाल जवाब नहीं करेंगे तब तक तो बिलकुल नहीं बताते हैं | यहाँ आप ऐसी ही बातों और सावधानियों के बारे मे जानेंगे ताकि आपकी गर्भावस्था का सफर enjoyable और हेल्दी रहे |
pragnancy के दौरान इन 8 चीजों से दूर रहना चाहिए
धुआ (Smoke) –
किसी प्रकार का smoke चाहे वह स्मोकिंग हो या आस पास किसी चीज़ के जलने की वजह से हो, यहाँ भारत मे पुजा पाठ का काफी प्रचलन है, अलग अलग प्रान्तों मे अलग लग तरीके से पुजा पाठ किया जाता है, लेकिन पुजा पाठ के दौरान हवन और धुए की दिशा के सामने ना बैठे हमेशा उसके उल्टे ही बैठें ताकि कम से कम धुआ आप तक आए | धुए नाक से सीधे फेफड़ों मे जाते हैं और इनसे सांस लेने मे तकलीफ हो सकती है जिससे ऑक्सिजन का लेवल कम हो सकता है और आपको और आपके गर्भ मे पल रहे बच्चे को तकलीफ हो सकती है| ज्यादा धुआ काफी सिरियस परेशानी भी ल सकता है |
पेंट या रंग –
अक्सर नए मेहमान के आने की खुशी मे घरो को सजाना, आने वाले बच्चे के लिए कमरे को नए तरीके से तयार करना आम बात है और करना भी चाहिए क्यूंकी बदलाव से मूड भी ठीक रहता है जिसके कारण सेहत भी अच्छी बनी रहती है, लेकिन इसके लिए तरह तरह के पेंटिंग चाहे दीवारों को रंगवाना हो या उनमे अलग अलग चित्र बनवाना इन सबमे जो रंग इस्तेमाल होते हैं वो काफी ज्यादा केमिकल सुगंध वाले होते हैं जिनसे सर दर्द होने लगता है, कुछ रंगो की सुगर्ध तो इतनी तेज़ होती है कि पूरे घर मे उसका असर भर जाता है और फिर ज्यादा सर दर्द होना, उल्टी होना, मिथली आना जैसी समस्या होने लगती है इसके विपरीत कुछ औरतों को रंगो कि खुशबू अच्छी लगने लगती है लेकिन ये खुशबों सेहत के लिए अछि नहीं होती क्यूंकी ये प्रकृतिक नहीं होते रसायनिक होते हैं |
HOT BATH (गरम पानी से नहाना )-
गर्भावस्था मे शरीर के कई हिस्सो मे दर्द और थकावट बना रहता है ऐसे मे गरम पानी से नहाना काफी आरामदायक लगता है और कमर और पीठ के दर्द मे भी आराम देता है, लेकिन कुछ लोगों को काफी क्याड़ा गरम पानी इस्तेमाल करने कि आदत होती है, खासकर जो लोग ठंडी जगहों पर रहते हैं, और ऐसे मे गर्भवती के शरीर का ताप बढ्ने लगता है जो कि सही नहीं है | एक pragnent वुमन के शरीर का ताप 101 डिग्री से ज्यादा नहीं होना चाहिए लेकिन गरम पानी से नहने से ये ताप (tempreture) बढ़ सकता है जिससे ब्लड प्रैशर गिरने लगता है और low BP के कारण शरीर मे ऑक्सिजन और पोषण का बहाव धीमा हो जाता है, और गर्भ तक जो ऑक्सिजन और पोषण पाहुचना चाहिए वो पूरा नहीं हो पाता | इसके अलावा बॉडी tempreture बढ्ने से कमजोरी, चक्कर आना, या फिर गर्भपात तक कि समस्या हो सकती है |
फ्रूट जूस –
फ्रूट जूस (फलों का रस ) सेहत के लिए काफी अच्छा माना जाता है लेकिन गर्भावस्था मे ये जूस सेहत के लिए नुकसानदायक होता है | फलों का रस निकालने से उसमे शुगर कि मात्रा बढ़ जाती है और जो रेडीमेड जूस बाज़ार मे मिलते हैं उनमे तो अलग से शक्कर मिलाया जाता है | फलों मे काफी मात्रा मे फ़ाइबर होता है जो कि सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं लेकिन जूस बनाने से ये फ़ाइबर बेहद कम हो जाते हैं और शुगर बढ़ जाता है, जिससे Gestetional Diabetes (गर्भ कालीन मधुमेह ) कि समस्या हो सकती है | और ये काफी ज्यादा नुकसान देह होता है जिससे डेलीवेरी मे भी समस्या आती है, यहाँ तक कि नॉर्मल डेलीवेरी होने के chances घट जाते हैं |
पीठ कि ओर सोना –
जब भी हमे आराम का मौका मिलता है हम आदतन पीठ के बल लेट जाते हैं और कमर को काफी आराम मिलता है लेकिन pragnancy मे पीठ के बल सोना बिलकुल गलत है | इससे कमर दर्द और पीठ मे दर्द बढ़ सकता है, पीठ मे अकड़न भी होने लगती है, साथ ही सास लेने मे दिक्कत होती है जिससे अक्सर बीपी गिरने लगता है | बाईं ओर करवट लेकर सोना रिकमेंड किया जाता है चाहे वह आम इन्सान हो या गर्भवती महिला, लेकिन एक ही तरह कितने देर तक सोये, बीच बीच मे करवट बदलना जरूरी है, लेकिन पीठ के बल सोना अवॉइड करना चाहिए |
इलैक्ट्रिक ब्लंकेट –
इलैक्ट्रिक ब्लंकेट अत्यधिक ठंड वाली जगहों पर काफी ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है, क्यूंकी इसकी हीट controllable होती है और काफी अच्छी गर्माहट मिलती है लेकिन ये गर्माहट पैदा करने के लिए एल्क्ट्रो-मगनेटिक-फील्ड पैदा करते हैं जो कि गर्भ और उसमे पल रहे बेबी के लिए हानिकारक होता है, बच्चे के विकास मे रुकावट या परेशानी ल सकता है |
स्किन केयर उत्पाद –
अक्सर pragnancy में त्वचा मे काफी ज्यादा रूखापन, खिचाओ और खुश्की होने लगती है ऐसे मे तरह तरह के कॉस्मेटिक, मसजिंग ऑइल व क्रीम का इस्तेमाल किया जाता है, स्किन केयर के लिए भी जो चीज़ें हम इस्तेमाल करते हैं जैसे कि- फ़ेस वाश, moisturiser , सीरम, एंटी एजिंग ट्रीटमंट ये सभी गर्भावस्था के दौरान इस्तेमाल नहीं करने चाहिए इनमे मौजूद कुछ तत्व नुकसानदायक होते हैं इसलिए इंग्रेडिएंट लिस्ट को पढ़कर ही प्रॉडक्ट का चुनाव करना चाहिए | हमें लगता है कि ये चीज़ें हम बाहर लगा रहे हैं तो इससे बेबी को कोई नुकसान नहीं होगा लेकिन हर कॉस्मेटिक हमारी त्वचा और उसकी कोशिकाएं सोखती है, जिससे बेबी के विकास मे असर पड़ता है |
कुछ इंग्रेडिएंट्स जिनसे गर्भावस्था के दौरान बचना चाहिए जैसे कि – Salicylic एसिड, रेटिनोइड्स, Benzyl peroxide, ये नुकसानदायक साबित हो सकते हैं इसलिए कुछ भी खरीदने या इस्तेमाल करने से पहले इंग्रेडिएंट्स मे इनका नाम जरूर चेक करें |
पेस्ट कंट्रोल (कीटनाशक ) –
आज कल हर मौसम मे साल भर मच्छर और मक्खियों कि समस्या आम हो गई है और बरसात के मौसम मे तो तरह तरह के कीड़े घरों मे आते हैं खासकर खेतों और जंगल के आस पास कि जगहों पर रहने वाले लोग इस समस्या को समझ सकते हैं | इनसे बचने के लिए कीटनाशक का छिड़काओ किया जाता है जिनमे काफी मात्रा मे रसायन होता है जो कि कहीं ना कहीं आम इंसान को भी नुकसान पाहुचता है तो गर्भवती को तो बेहद नुकसान देगा, गर्भवती जो सास लेती है वही ऑक्सिजन गर्भ तक जाता है, और कीटनाशक के रसायन ऑक्सिजन के साथ मिलकर जहरीले बन जाते हैं | साथ ही अगर आप ग्रामीण जगह पर रहते हैं या बगानी करने का शौक रखते हैं तो पोधों मे दवाइयों के छिड़काव के समय उस जगह से दूर रहें |
कुछ जानी मानी सावधानियाँ –
कुछ ऐसी बातों को भी हम याद कर लेते हैं जो गर्भावस्था के दौरान हमे डॉक्टर भी बताते हैं और हमारे बड़े बुजुर्ग भी हमसे बार बार कहते हैं –
- हर रोज कम से कम 20 मिनट चलना चाहिए ताकि शरीर सक्रिय बना रहे और गर्भ के बच्चे का विकास सही से होता रहे |
- सेहत मंद खाना खाएं, आयरन और कलशियम से भरपूर फल और सब्जियाँ अपने रोज के डाइट मे शामिल करें जैसे – पालक, केला, सेव, कीवी, नारियल पानी, दूध, दहि, पनीर, घी, इत्यादि |
- पेट के बल ना सोएँ इससे पूरे शरीर का भार पेट पर आता है
- ज्यादा लंबे समय तक एक ही अवस्था (position) मे ना बैठे रहें | गर्भावस्था मे मांसपेशियाँ थोड़ी कमजोर सी होती हैं ऐसे मे शरीर के अकड़न होने लगती है |
- हल्के स्ट्रेचिंग और व्यायाम जरूर करें ताकि मांसपेशियों की सेहत बरकरार रहे |
- नींद पूरी लें |
- स्ट्रैस, टेंशन, इत्यादि को अवॉइड करें इसके लिए हर रोज meditation कर सकते हैं, जिससे काफी हद तक मन और दिमाक शांत रहता है |
- डॉक्टर द्वारा दी हुई दवाइयाँ समय पर और रोज लें | फोन मे Reminder बनाकर रखें |
- ऐसी चीज़ें जिनसे गर्भावस्था से पहले से ही आपको पाचन कि समस्या होती थी उन चीजों को ना खाएं कम से कम शुरुआती 4 महीने अपने पाचन का खयाल रखें |
- कोई भी दवाई चाहे वह साधारण सी digestion कि गोली हो या सर्दी – बुखार कि दवाइयाँ इन्हे बिना डॉक्टर कि सलाह के ना लें क्यूँ कि कोई भी साधारण दवाई गर्भवती के लिए असाधारण हो जाती है |
- ज्यादा शुगर और ज्यादा नमक वाली चीज़ें बार बार ना खाएं |
अतिरिक्त क्रियाकलाप –
गर्भावस्था मे कई तरह से क्रियाकल्प (activities) सेहतमंद होती हैं और इनके अलग अलग क्लब या organisations बनाए गए हैं, जहां आप ऑनलाइन और ऑफ लाइन दोनों तरह से भाग ले सकते हैं | इन activities से शारीरिक और मानसिक दोनों ही विकास होता है, शरीर सक्रिय और मन शांत रहता है, मूड स्विंग्स, स्ट्रैस, ओवर थिंकिंग, anxiety जैसी परेशानियाँ होने के chances घाट जाते हैं साथ ही Normal delivery होने के आसार भी बढ़ जाते हैं और बच्चे का भी शारीरिक और मानसिक विकास होता है, शरीर मे भरपूर पोषण तत्वों का संचार अच्छे से होता है, ब्लड प्रैशर control मे रहता है | इन क्रियाकलापों मे आपको योगा, pragnancy व्यायाम, meditation, स्ट्रैस फ्री कंसल्टेंसी, pre-parental सेशन्स होते हैं जो कि बहुत फायदेमंद होते हैं | अगर आप इनपे खर्चे नहीं करना चाहते हैं तो यूट्यूब पर फ्री मे देख सकते हैं लेकिन हर रोज नियमित फॉलो करें |
जी मचलना और मिथलना –
गर्भावस्था मे शरीर मे ढेर सारे बदलाव आते हैं और होर्मोंस भी बदलते हैं, जिससे कई परेशानियाँ भी होती है और कुछ अलग खुशी भी, इन्ही हॉर्मोनल बदलाव के कारण ही मूड स्विंग्स होते हैं | कभी कभी बचपन कि पसंदीदा डिश खाने कि इच्छा होती है और खाने पर उल्टी हो जाती है या तबीयत हल्की खराब होने लगती है या स्वाद ही बेस्वाद लगने लगता है और कभी कभी जो चीज़ें बचपन से पसंद नहीं थी वो बेहद स्वादिष्ट और मन पसंद लगने लगती हैं, ऐसी छोटी छोटी बातों से भी चिड्चिड़ा पन सा महसूस होने लगता है | ऐसे मे meditation मन को काफी शांत बनाए रखता है|
Conclusion –
तो ये 8 बातें हैं जो कि आपको ध्यान मे रखनी है, साथ ही कुछ जानी मानी बातें जो आपने सुनी होंगी लेकिन यहाँ एक तरह से रिवीजन करा दिया, अपनी pragnancy के एक्सपिरियन्स के अनुसार मैंने अतिरिक्त बातों के बारे मे बताया है | आपकी सेहत ही आपके आने वाले बच्चे के भविष्य को बनाएगी, आप जो भी खाते हैं उसका पूरा पोषण आपके गर्भ मे पल रहे बच्चे को भी मिलता है, सांस लेना, खुश रहना, चिंता करना हर एक हरकत बच्चे को असर देती है, इसलिए अपना खयाल रखे, और कुछ छोटी छोटी सावधानियाँ रखें |
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