
फ़ेस सीरम लगाना बेहद जरूरी है, बाज़ार मे कई तरह के सीरम उपलब्ध हैं लेकिन कौन सा फ़ेस सीरम आपके लिए सही है, ये जानना भी बेहद जरूरी है | हमारी त्वचा मे नैचुरल सीरम होता है जो की कोशिकाओं की नमी को बांधकर रखता है, लेकिन बढ़ती उम्र के साथ ये नैचुरल सीरम घटता जाता है और इसके कारण नमी कम होने लगती है, जिसकी वजह से झुर्रियां, फ़ाइन लाइंस, बुझपन (डलनेस ) जैसी कई परेशानियाँ समय से पहले ही दिखने लगती हैं, इसलिए बाहर से सीरम लगाने की जरूरत पड़ती है | लेकिन ढेरों तरह के सीरम मे कौन सा सीरम किस त्वचा के लिए है ये जानना जरूरी है ताकि हमे वो रिज़ल्ट मिले जिसकी हमे उम्मीद हो, आखिरखर सीरम बाकी फ़ेस कॉस्मेटिक की तुलना मे महंगे आते हैं इसलिए सही त्वचा के लिए सही सीरम का चुनाओ जरूरी है | वैसे तो सभी सीरम सभी त्वचा को सुइट करते हैं लेकिन त्वचा मे जो विकार होते हैं जैसे कि – ओइली, acne, pimples, pigmentation आदि इनके लिए अलग अलग फ़ेस सीरम आते हैं इनमे जो कुछ आवश्यक तत्व होते हैं वो इन विकारों को दूर करने मे मदद करते हैं |
सीरम क्या है ?
सीरम एक तरह का सोल्यूशंस है जो कि पनि कि ही तरह तरल और पतला होता है | ये 1 या 1 से ज्यादा तरह के extract से मिलकर बना होता है, ये extracts फलों, फूलों या पौधो के हो सकते हैं| अलग अलग चीजों के extract होने के कारण इनके रंग भी अलग अलग होते हैं | कुछ सीरम बिलकुल पानी कि ही तरह ट्रांस्परेंट होते हैं लेकिन हल्के चिपचिपे होते हैं | ये त्वचा को नमी और इलाज़ देते हैं | एक तरह से कहा जा सकता है कि सीरम त्वचा के लिए डॉक्टर और दवाई का काम करता है | ये बाहरी रूप से त्वचा को पोषण और प्रोटीन देते हैं जो कि हमारी रोज़मर्रा कि दिनचर्या से हमे नहीं मिलता है |
सीरम लगाना क्यूँ जरूरी है ? –
हमारी त्वचा कि कोशिकाओं मे ढेर सारे ऑक्सिजन, पानी, प्रोटीन जैसे कई चीज़ें है जो कि त्वचा कि नमी और कोमलता को बनाए रखते हैं, त्वचा मे कसाव और लचिलापन दोनों ही मैंटेन करके रखते हैं | लेकिन ये प्रोटीन जिसे dermatology कि भाषा मे कोलाजन कहा जाता है धीरे धीरे कम होने लगता है, जैसे समय के साथ हमारे शरीर का प्रोटीन कम होता है वैसे ही त्वचा का कोलाजन भी घटने लगता है | इसी वजह से नमी मे कमी होने लगती है और लचिलापन, कोमलता, कसाव, जैसी खूबियाँ खोने लगती हैं | इन्हे बनाए रखने के लिए बाहरी चीजों कि जरूरत पड़ती है जो कि सिर्फ क्रीम या टोनर से नहीं मिलते क्यूंकी ये चेहरे के 2 या 3 सतह (leyar) तक ही अब्सॉर्ब होते हैं और उतने जगह पर ही अपना असर दिखते हैं लेकिन, सीरम एक तरह का essence है जो कि पतला और हाइ concentrated होने के कारण त्वचा के 10 से 12 सतहों तक अब्सॉर्ब हो जाता है और अंदर तक जाकर त्वचा को ट्रीट करता है | त्वचा के जिस लेयर मे कोलाजन प्रोटीन बनाता है, सीरम वह तक जाकर कोलाजन के विकास मे मदद करता है |
कौन सा फ़ेस सीरम आपके लिए सही है –
सीरम तो हमे हर रोज लगाना चाहिए चाहे लड़के हों या लड़कियां, त्वचा सबकी एक जैसी होती है और त्वचा के विकार भी सबको देखने पड़ते हैं, इन अलग अलग विकारों के लिए अलग अलग सीरम का निर्माण किया गया है | सीरम त्वचा के विकारों के लिए होते हैं, इसका स्किन टाइप ( ओइली, dry, कॉम्बिनेशन, या नॉर्मल ) से कोई लेना देना नहीं है | हर सीरम हर स्किन टाइप को सूट करता है, उनमे मौजूद इंग्रेडिएंट्स आपकी त्वचा के इलाज़ मे मदद करते हैं |
हयालूरोनिक एसिड (hyaluronic Acid ) सीरम –
हयालूरोनिक एसिड त्वचा से खोई हुई नमी कि भरपाई करने के लिए कारगर है, उम्र के साथ या धूल,धूप के कारण त्वचा कि नमी कि जरूरत पूरी नहीं हो पति और त्वचा कि कोमलता घटने लगती है, इसलिए अगर आपकी त्वचा मे अतिरिक्त रूखापन है, रूखेपन के कारण खुजली या irritation होने लगते हैं, त्वचा फटी हुई दिखाई देने लगी है, यहाँ तक कि गर्मियों मे भी त्वचा मे खुश्की बनी रहती है, इसका मतलब आपकी त्वचा अंदर कि सतह से रूखी होने लगी है इसके लिए आपको हयालूरोनिक एसिड सीरम कि जरूरत है |
विटामिन सी सीरम –
इनमे काफी मात्रा मे एंटि ऑक्सीडेंट होते हैं जो कि त्वचा को डैमेज होने से बचते हैं, ये कोशिकाओं को रिपेर करता है और उनकी चमक को बरकरार रखता है | आपने ” ब्राइट स्किन ” तो सुना ही होगा ये ब्राइट स्किन आपको विटामिन सी कि मदद से मिल सकता है| अगर चेहरे के अलग अलग हिस्सों का रंग अलग अलग है जैसे कि – माथे और होंठो के पास कालापन या हल्का झाई, कोई दाग या हल्के acne हैं चेहरे पर तो विटामिन सी वाले सीरम आपके लिए एक बेहतर ऑप्शन हैं |
Retinol (विटामिन ए ) या Retinoid सीरम –
क्लीनिकली ये बात साबित कि गयी है कि रेटिनाल त्वचा पर एंटि एजिंग का काम करता है, इसमे मौजूद विटामिन ए त्वचा मे collagan को बढ़ता है (कोलाजन एक तरह का प्रोटीन है जो कोशिकाओं कि अच्छी सेहत के लिए जरूरी है) पुरानी मृत कोशिकाओं को हटकर नयी कोशिकाओं के विकास मे मदद करता है | रोज़मर्रा कि तेज़ लाइफ स्टाइल और आदतों के कारण जो त्वचा समय से पहले ही उम्रदराज दिखने लगती है उन्हे ये Retinol वाले सीरम का इस्तेमाल करना चाहिए | रेटिनल या एंटि एजिंग सीरम आपको 29 या 30 वर्ष कि आयु से ही लगाना शुरू कर देना चाहिए |
Alpha Hydroxy एसिड सीरम (AHA) –
एएचए फलों से निर्मित एक नैचुरल एसिड होता है, इसके त्वचा पर कई सारे फायदे हैं, ये त्वचा कि रंगत को साफ व चमकदार बनाए रखता है, डैड या मृत कोशिका को हटकर नयी कोशिकाएं बनाता है, acne को रोकता है, उम्र के निशान जैसे झाइयाँ, असमान रंगत, धूप का डैमेजर, आदि को ठीक करता है | सीरम के पैक मे इंग्रेडिएंट्स लिखे होते हैं अगर उनमे – lactic एसिड, glycolic एसिड, शुगर केन extract, tripple फ्रूट extract,और मेलिक एसिड, मे से कोई भी इंग्रेडिएंट है तो उसमे एएचए निहित है | यानि कि AHA एक साथ कई विकारो के लिए कारगर है |
विटामिन ई –
विटामिन ई सुंदरता को निखारने का काम करते हैं ये अलग से नहीं मिलते किसी न किसी सीरम या कॉस्मेटिक मे मिले होते हैं | ज़्यादातर विटामिन सी सीरम के साथ मिलाकर पैक बनाया जाता है और सीरम के पैक मे विटामिन ई भी लिखा होता है | ये त्वचा को चमकदार और एकसार (ईवन टोन ) बनाने मे मदद करते हैं | विटामिन सी और ई का मिश्रण (combination) एक साथ कई विकारों को दूर करता है और आपको एक मनचाही texture कि त्वचा देता है |
Peptides –
peptides भी अलग से एक सीरम नहीं होते हैं ये हमेशा दूसरे सीरम के साथ मिलाकर रखे जाते हैं, किसी भी सीरम मे अगर peptides मिले हैं तो उसके इंग्रेडिएंट मे लिखे होंगे | peptides त्वचा कि कोशिकाओं को मजबूती और संरचना प्रदान करते हैं, जो कि त्वचा के सबसे जरूरी प्रोटीन – कोलाजन को बरकरार रखता है | झुर्रियां या फ़ाइन लाइंस को कम करने मे मदद करता है | अगर आपकी उम्र 35 वर्ष से अधिक है और चेहरे पर झुर्रियां हैं तो आप एंटि एजिंग सीरम ले सकते हैं जिसमे peptides भी मौजूद हों |
ग्लीस्रिन (Glycerin)
सदियों से ग्लिसरीन को त्वचा के रूखेपन को मिटाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है, त्वचा कि नमी को बनाए रखने के लिए ग्लिसरीन सबसे सस्ता और नैचुरल उपाय है | ये कोई सीरम नहीं है लेकिन कुछ सीरम मे glycol या ग्लिसरीन मिलाया जाता है ताकि त्वचा का अतिरिक्त रूखापन भी दूर हो सके |
Resveratrol –
ये एक तरह का एंटी ऑक्सीडेंट है जो कि अंगूर के छिलकों मे मौजूद होता है, ये त्वचा पर कवच कि तरह काम करता है, डैमेजर से बचाता है, त्वचा कि सेहत को जवान बनाए रखता है | ये भी आपको दूसरे सीरम जैसे कि – विटामिन सी या रेटिनोल, जैसे सीरम मे मिले हुए मिल सकते हैं, अलग अलग ब्रांड अलग अलग इंग्रेडिएंट से सीरम निर्मित करते हैं जैसे कि विटामिन सी मुख्य इंग्रेडिएंट है लेकिन उस सीरम को और असरदार या प्रभावित बनाने के लिए उसमे और दूसरे कारगर extract या इंग्रेडिएंट मिलाये जा सकते हैं |
Botanical Extract और ऑइल –
ऊपर जीतने भी प्रकार के सीरम बताए हैं उनमे ऐसे botanical Extract मिले हुए होते हैं, और सीरम की गुड्वत्ता को बढ़ते हैं, जिससे इन सिरमो का प्रभाव त्वचा पर काफी अच्छा होता है | कुछ जाने माने extract हैं जिनके नाम किसी न किसी सीरम के पैक मे या इंग्रेडिएंट की लिस्ट मे मिल जाएंगे जैसे कि – रोज़ हिप सीड ऑइल, जोजोबा,avokado, licorice extracts, chamomile, सी अलगे इत्यादि | यदि आपके के चेहरे पर कुछ खास विकार नहीं है और उम्र के कारण सीरम लगाने कि शुरुआत करनी है तो आप इन इंग्रेडिएंट्स वाले सीरम का चयन कर सकते हैं |
इन बातों का ध्यान जरूर रखें –
कौन सा सीरम त्वचा कि किस परेशानी के लिए है ये तो जान लिया लेकिन सीरम इस्तेमाल कैसे करना है, और कौन कौन सी सावधानियाँ रखनी है ये भी जानना बेहद जरूरी है |
ये गलतियाँ ना करें –
- 25 वर्ष से कम उम्र वाले सीरम का इस्तेमाल ना करें, ये बहुत हाइ concentrated होते हैं | 25 से कम कि आयु मे त्वचा का नैचुरल सीरम काफी होता है, बाहरी सीरम कि आवश्यकता नहीं है |
- सीरम कभी भी फ़ेस क्रीम या moisturiser मे मिला कर ना लगाएँ, या moisturiser के बाद ना लगाएँ, इनका हाइ concentration moisturiser या क्रीम के साथ मिलकर आपकी त्वचा पर reaction कर सकता है |
- सीरम कभी भी moisturiser कि जगह नहीं ले सकता, ये त्वचा के गहराई के सतह तक समा जाते हैं लेकिन ऊपर कि सतह के लिए अलग से नमी कि जरूरात पड़ती है , इसलिए सीरम लगाने के बाद moisturiser लगाना न भूलें |
- teenager हैं तो सीरम ना लगाएँ |
- एक बार मे एक ही तरह का सीरम लगाए, कभी भी 2 या 2 ज्यादा सीरम को मिक्स नहीं करना चाहिए |
- सीरम को कभी भी धूप या फ्रीज़ जैसी तापमान मे ना रखे, नॉर्मल dry जगह पर ही रखें |
कब और कैसे लगाना चाहिए –
- वैसे तो 30 कि उम्र के बाद सीरम का इस्तेमाल शुरू कर देना चाहिए, लेकिन तेज़ लाइफ स्टाइल और बदलती दिनचर्या के कारण, प्रदूषण, धूप इत्यादि के कारण हमारी त्वचा का नैचुरल सीरम जल्दी खतम होने लगता है ऐसे मे 25 वर्ष या उसके बाद सीरम लगाना शुरू कर दें |
- सीरम त्वचा के काफी गहराई तक absorb होता है इसलिए हमेशा साफ चेहरे पर ही लगाना चाहिए, वरना त्वचा का अतिरिक्त ऑइल, या सेबम, धूल, आदि सीरम के हाइ concentrated solution के साथ reaction कर सकते हैं और आपकी त्वचा को नुकसान पाहुचा सकते हैं |
- फ़ेस वाश या क्लिंज़र से चेहरा साफ करने के बाद टोनर लगाना चाहिए और उसके उयपर सीरम कि 3 से 4 बुँदे लेकर चेहरे और गार्डन पर उँगलियों से मसाज करते हुए लगाना चाहिए |
- सीरम लगभग पानी कि तरह पतला होता है लेकिन ज्यादा concentrated होता है, इसलिए 3 से 4 बूंद काफी होता है, और तुरंत सोख लेता है| इसके बावजूद उसे अच्छी तरह समाने के लिए 30 से 40 सेकंड का इंटेक्सर करना चाहिए उसके बाद ही क्रीम या moisturiser लगाना चाहिए |
- कोई भी सीरम चाहे वह विटामिन सी हो या रोज़ हिप हो, उसमे त्वचा का सेंटर पॉइंट लिखा होता कि वह सिरम आपकी त्वचा के किस विकार को दूर करने के लिए है |
सीरम इस्तेमाल करने का सही तरीका –
- फ़ेस वाश करने के बाद टोनर लगाकर हल्के गीले चेहरे पर सीरम लगा लेना चाहिए |
- चेहरा और गर्दन दोनों जगहों पर सेरम लगाना चाहिए |
- 3 से 4 बूंद लेकर हथेलियों के बीच फैलाएँ और हथेलियों को चेहरे के ऊपर दबाएँ, हथेलियों कि गर्माहट से किसी भी प्रॉडक्ट का चेहरे पर आसानी से असर होता है |
- पूरे चेहरे पर फैलाने के बाद उँगलियों कि टिप से गोल गोल घूमते हुए चेहरे कि मालिश करें | इससे सीरम डीप लेयर तक अब्सॉर्ब होगा और अच्छी तरह असरदार होगा |
- 30 से 40 सेकंड इंतज़ार करें या उस समय मे उँगलियों से मसाज करें लेकिन 30 से 40 सेकंड बाद ही कुछ लगाएँ |
- रात तो सोने से पहले भी चेहरा साफ करके सेरम लगा लें |
- ज़्यादातर सीरम दिन मे 2 बार लगाने ही चाहिए और हर बार साफ चेहरे पर लगाने चाहिए |
सीरम चेहरे पर ही क्यूँ लगते हैं ?

सीरम चेहरे कि त्वचा कि खोई हुई नमी और सेहत को वापस लता है | जैसे जैसे महामारी उम्र बढ़ती जाती है वैसे ही त्वचा कि खुश्की भी बढ़ते जाती है| चेहरा और गर्दन हमारे शरीर के सबसे सेनसिटिव और नाजुक हिस्से होते हैं, हमारी किसी भी लापरवाही, नासाज तबीयत, थकान, का असर सबसे पहले चेहरे पर ही दिखाई देता है | इसके अलावा चेहरा चौबीसों घंटे खुला होता है, बाहर कि हवा और धूप और प्रदूषण जैसी चीजों को झेलता है और सेनसिटिव होने के कारण इन सबका असर भी सबसे पहले होता है और सबसे पहले उम्र दराज होता है |
आंखो के नीचे लाइन बनना, माथे और भोहों के पास हल्की सिकुड़न आना झुर्रियों कि निशानी है | साथ आपने देखा होगा कि ये झुर्रियां और झाइयाँ चेहरे पर ही दिखाई देती हैं, हाथो और पैरों पर ऐसे निशान काफी ज्यादा उम्र मे देखने को मिलते हैं | इसलिए बाज़ार मे उपलब्ध ज़्यादातर उत्पाद चेहरे को फोकस करते हैं और सीरम इतना महंगा होता है कि पूरे शरीर के लिए लेना मुश्किल है | साथ ही सीरम कि packing भी खास होती है, जो कि पूरे शरीर के लिए बड़ी सी packing मे बनाना संभव नहीं है | अधिकतर सीरम काँच के पैक मे ही मिलते हैं |
अगर आप सीरम लगाने का तरीका देखना चाहते हैं तो मेरे यूट्यूब चैनल कि कोई भी मेकअप टूटोरियल या स्किंन केयर विडियो देख लीजिये उसमे सीरम और उसे लगाने का तरीका हर बार बताया है मैंने – Shraddha Pranchal Sao
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