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सर्दियों और गर्मियों के मेकअप में क्या अंतर है?

सर्दियों और गर्मियों के मेकअप में क्या अंतर है?

मेकअप करना और करवाना आज कल का ट्रेंड बन चुका है, हर कोई हर मौके पर मेकअप लगाना पसंद करता है, चाहे वो सिर्फ लिपस्टिक लगाना ही क्यों न हो, मेकअप का सिर्फ एक स्टेप भी मेकअप करना कहलाता है, लेकिन इसी मेकअप का हर एक स्टेप मौसम के अनुसार होता है, क्योंकि हमारी त्वचा मौसम के अनुसार रिएक्ट करती है, इसलिए मेकअप भी हमे ऐसे ही इस्तेमाल करने होते हैं। आखिर सर्दियों और गर्मियों के मेकअप में क्या अंतर है ? Makeup का एक एक प्रोडक्ट स्किन टाइप को ध्यान में रखकर लेना चाहिए, ताकि हमारा मेकअप flawless दिखाई दे और लॉन्ग लास्टिंग बना रहे, नेचुरल फिनिश, सेकंड स्किन लुक जैसा Makeup हर कोई चाहता है, लेकिन मौसम के कारण अच्छा flawless makeup भी थोड़ी सी देर में बेकार सा दिखने लगता है।

मौसम के साथ हर प्रोडक्ट बदलने की जरूरत नहीं है, लेकिन कुछ को बदलना जरूरी है, और कुछ चीजों को दूसरे तरीके से इस्तेमाल किया जा सकता है।

यहां भारत में अलग अलग जगहों पर अलग मौसम है, कहीं सर्दियां अभी भी हैं तो कहीं गर्मियां शुरू होने वाली है, सर्दियां कम हो रही हैं, ऐसे में हमें अपने वातावरण के हिसाब से अपने कॉस्मेटिक को बदलने की जरूरत है, चाहे वह स्किन केयर की चीजें हों, बालों का देखभाल हो या मेकअप प्रोडक्ट्स, कई सारी चीज़ें बदलनी पड़ सकती हैं। तो आइए जानते हैं कि किन चीजों को बदलना है और किन चीजों को बिना बदले ही दूसरे तरीके से इस्तेमाल कर सकते हैं।

कब कैसी त्वचा –

जिनकी त्वचा नॉर्मल होती है, उन्हे तो सारे समय लगभग एक जैसा texture ही रहता है, लेकिन ड्राई स्किन त्वचा सर्दियों में और ज्यादा ड्राई और सेंसिटिव हो जाते हैं, ऑयली स्किन थोड़ा नॉर्मल हो जाता है, और गर्मियों में oily skin बहुत ज्यादा ऑयली हो जाता है, ऐसे ही कॉम्बिनेशन स्किन सर्दियों में ड्राई तथा गर्मियों में ऑयली बर्ताव करता है। इसलिए मेकअप और स्किन केयर की कुछ चीजें हमें बदलनी पड़ती है।

प्राइमर– फाउंडेशन – कंसीलर

प्राइमर मेकअप का सबसे पहला स्टेप है, फाउंडेशन और कंसीलर मेकअप का बेस तैयार करते हैं, इन्ही के ऊपर चेहरे पर बाकी के रंग जैसे – आईशैडो, ब्लश, कंटूर आदि को लगाया जाता है। इसलिए ये आपकी त्वचा को सूट करना चाहिए।

प्राइमर –

प्राइमर सिलिकॉन बेस्ड और मॉश्चराइजिंग दोनो तरह के आते हैं, अगर आपकी त्वचा में बहुत ज्यादा ऑयल आता है तो आपको सिलिकॉन वाले प्राइमर का इस्तेमाल करना चाहिए, ये अतिरिक्त ऑयल को कंट्रोल करने में मदद करते हैं साथ ही ऑयली त्वचा के pores बहुत ज्यादा खुले या बड़े होते हैं, तो सिलिकॉन वाले प्राइमर इन्हे shrink कर देते हैं।

अगर आपकी त्वचा ड्राई है तो आप मॉइश्चराइजिंग या हाइड्रेटिंग प्राइमर का इस्तेमाल कर सकते हैं, ये मेकअप से होने वाले अतिरिक्त ड्राइनेस से त्वचा को बचाते हैं।

Pore फिलिंग प्राइमर –

कुछ त्वचा के Pores काफी ज्यादा खुले हुए होते हैं, जो कि ड्राई त्वचा में भी होते हैं और ऑयली त्वचा में भी होते हैं। ऑयली त्वचा में तो Large Pores Common हैं लेकिन ड्राई त्वचा में Large Pores त्वचा में साफ दिखाई देता है साथ ही त्वचा की सेंसिटिविटी (संवेदनशीलता) को बढ़ा देता है। Pore फिलिंग प्राइमर भी all skin types या हर स्किनटाइप के लिए अलग अलग आते हैं लेकिन Pore filling प्राइमर के पैक पर स्किन टाइप भी लिखा होता है।

फाउंडेशन –

फाउंडेशन भी कई अलग अलग टेक्सचर में आते हैं जैसे कि – Dewy, Matte, Demi Matte, Normal, Glossy, इत्यादि ये सभी एक तरह से आपके स्किन टाइप को भी बताते हैं, जैसे कि–

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कंसीलर –

फ़ाउंडेशन की ही तरह primer भी अलग अलग texture के आते हैं जैसे कि – क्रीम, Liquid, केक, आदि liquid कंसिलर को all purpose माना जा सकता है क्यूकि ये हर skintype और साल के बारहों महीने इस्तेमाल किए जाते हैं, आसानी से ब्लेन्ड होने के कारण professionals भी इन liquid कंसिलर्स का इस्तेमाल करना पसंद करते हैं |

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पाउडर / सेटिंग पाउडर –

अगर आप सोश्ल मीडिया पर कंटैंट देखते हैं तो आपने एक ही क्रिएटर को अलग अलग पाउडर का इस्तेमाल करते देखा होगा, हर तरह के पाउडर अलग अलग तरीके से काम करते हैं हालाकि हर पाउडर का काम मेकअप को सेट करना है लेकिन तरीका और लास्टिंंग पावर अलग अलग होते हैं| बाज़ार मे अलग अलग तरह के सेटटिंग पाउडर जैसे कि – कॉम्पैक्ट या प्रेस्ड पाउडर, लूस या ट्रेंस्लुसेंट पाउडर, बनाना पाउडर, व्हाइट सेटिंग पाउडर आदि उपलब्ध हैं अब इनमे से सारे लेकर रखने कि जरूरत नहीं है अपनी त्वचा के हिसाब से और मौसम को ध्यान मे रखकर 2 तरह के पाउडर कि आपको जरूरत पड़ेगी जो कि साल भर के लिए काफी है |

कॉम्पैक्ट / प्रेस्ड पाउडर –

ये सीजे मे छोटे और ट्रावेल्लिंग के लिए बेहद आसान होते हैं, ऑफिस कॉलेज या कहीं भी बाहर जाना हो तो इसे अपने पर्स या हैंड बैग मे रख सकते हैं साथ ही ये पैक से बाहर गिरते या फैलते भी नहीं | साथ ही काफी सस्ते भी मिलते हैं , हर तरह के बजट मे मिल जाते हैं | ऐसे पाउडर ज्यादा तर टिंटेड होते हैं जो कि हमारी त्वचा के रंग के हिसाब से अलग अलग शेड्स मे मिलते हैं , कुछ ब्रण्ड्स व्हाइट कॉम्पैक्ट पाउडर लॉंच कर चुके हैं जो कि हर स्किन टोन के लिए होता है | ये कॉम्पैक्ट पाउडर टिंटेड होने के साथ साथ त्वचा को थोड़ा ड्राइ भी करते हैं क्यूंकी ये अतिरिक्त ऑइल को सोखने का काम करते हैं इसलिए गर्मियों मे ऐसे पाउडर का इस्तेमाल सही है | एक और कारण है जो कि कॉम्पैक्ट पाउडर को गर्मियों के लिए सही साबित करता है – पसीने, गरम हवा और धूप के कारण चेहरे का मेकअप कही कही से हटने लगता है या तो Oxydise होने लगता है यानि कि काला पड़ने लगता है ऐसे मे कॉम्पैक्ट पाउडर से टच अप करके इंस्टेंट फ्रेश लूक पा सकते हैं |

लूस या ट्रेंस्लुसेंट पाउडर –

ये फ़ाइन पाउडर होते हैं और थोड़े से महंगे आते हैं, ये 2 तरह के पैक मे आते हैं पहला व्हाइट ट्रेंस्लुसेंट पाउडर जो कि हर स्किन टोन के लिए उपयोगी है और दूसरा टिंटेड जो कि कॉम्पैक्ट पाउडर कि ही तरह अलग अलग स्किन टोन के लिए अलग अलग शेड्स मे मिल जाते हैं | ये कॉम्पैक्ट पाउडर कि तुलना मे ज्यादा अच्छे से मेकअप को सेट करते हैं और मेकअप को लॉन्ग लास्टिंंग भी बनाते हैं साथ ही ये हर मौसम मे हर त्वचा के लिए उपयोगी है क्यूंकी ऐसे ट्रेंस्लुसेंट पाउडर स्किन के texture को नहीं बदलते यानि कि ये त्वचा को न तो ड्राइ करते हैं ना ही ओइली, त्वचा जैसी है वैसी ही रहती है, लेकिन ओइली त्वचा के ऊपर इसका इस्तेमाल ज्यादा quantity मे किया जाता है ताकि अतिरिक्त ऑइल को मेकअप लगते वक़्त ये सोख सके और मेकअप पूरा होने के बाद एक्सट्रा पाउडर को झाड़ा दिया जाता है | ऐसे लूस पाउडर सर्दियों के लिए उपयोगी हैं और हर टाइप के त्वचा पर इस्तेमाल कर सकते हैं बस लगाने कि quantity अलग अलग त्वचा के लिए अलग अलग होती है जैसे कि – ओइली त्वचा पर ज्यादा पाउडर और dry त्वचा पर सिर्फ कंसिलर को सेट करने लायक पाउडर ही लगाना होता है |

बनाना पाउडर –

बनाना पाउडर पीले रंग के होते हैं और हर स्किन टाइप के लिए होते हैं लेकिन ओइली स्किन के लिए सबसे अच्छे साबित होते हैं इसलिए इन्हे गर्मियों मे इस्तेमाल करना चाहिए | एक और कारण है गर्मियों मे इस्तेमाल करने का – बनाना पाउडर कि खासियत है कि ये लाइट के reflection को कंट्रोल करते हैं जब चेहरे पर लाइट पड़ती है तो कुछ लोगों कि त्वचा पर कलर फ्लैश दिखाई देता है जो कि बेहद शाइन करता है और पूरा लूक खराब कर देता है ऐसा ओइली त्वचा ज्यादा होत है क्यूंकी अतिरिक्त ऑइल के कारण लाइट reflection होने के chances भी ज्यादा होते हैं, ऐसे मे यदि बनाना पाउडर से मेकअप सेट किया जाए तो ये अतिरिक्त ऑइल भी कंट्रोल करते हैं और लाइट फ्लैश को भी रोकते हैं जिससे बेहद तेज़ लाइट या सन लाइट मे चेहरे का मेकअप flawless और नैचुरल दिखाई देता है | लेकिन इन्हे कम कम लगाना चाहिए क्यूंकी ज्यादा लगाने से आपका मेकअप cakey दिख सकता है |

ब्लूश कंटूर और हाइलाइट –

ये तीनों एक ही चीज़ है बस रंग अलग अलग होने के कारण चेहरे के अलग अलग हिस्सों मे इस्तेमाल होते हैं, ये भी क्रीम, पाउडर, स्टिक जैसे अलग अलग टेक्सचर मे मिलते हैं तो जैसा कि ऊपर फ़ाउंडेशन के लिए बताया वैसे ही क्रीम पैक ड्राइ स्किन और पाउडर पैक ओइली त्वचा के लिए होते हैं, लेकिन गर्मियों मे पाउडर के बजाय स्टिक blush contour और हाइलाइट का इस्तेमाल करना चाहिए क्यूंकी पाउडर गर्मी और सन लाइट के कारण oxydise हो जाते हैं और एक से दो घंटे बाद वो दिखाई ही नहीं देते, जबकि स्टिक वाले पैक लॉन्ग लास्टिंंग होते हैं लेकिन ब्लेन्ड करने मे जरा सी मेहनत करनी पड़ती है | सर्दियों मे पाउडर का इस्तेमाल किया जा सकता है क्यूंकी पाउडर आसानी से ब्लेन्ड भी हो जाते हैं और सर्दियों मे ये जल्दी खराब नहीं होते लेकिन ड्राइ त्वचा पर पाउडर सही नहीं है ऐसे मे आप क्रीम blush और liquid highlighter जैसे प्रॉडक्ट का इस्तेमाल कर सकते हैं |

Makeup सेटिंग स्प्रे –

मेकअप पूरा होने के बाद सेटिंग स्प्रे लगाने से मेकअप का लास्टिंंग पावर और बढ़ जाता है , इसलिए सेटटिंग स्प्रे का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए | मेकअप सेटिंग स्प्रे मकेउप को सेट करने के अकवा फ़ाइनल लूक को भी चेंज करते हैं जैसे कि – Dewy मैट या नॉर्मल फिनिश इसका मतलब आपने कोई भी प्रकार का फ़ाउंडेशन लगाया हो सेटटिंग स्प्रे कि मादद से आप उसका लूक बदल सकते हैं उदाहरण के लिए – dewy फ़ाउंडेशन लगाया है और आखिर मे मैट सेटिंग स्प्रे लगा लिया तो आपका पूरा मेकअप मैट दिखाई देगा ना कि dewy | सर्दियों मे hydrated और dewy लूक लोगो को काफी पसंद आते हैं इसलिए dewy सेटिंग स्प्रे का इस्तेमाल करना चाहिए और गर्मियों मे कोई भी ओइली और चिपचिपा लूक नहीं चाहिए, मैट ही आछ दिखता है इसलिए गर्मियों मे मैट सेटटिंग स्प्रे का इस्तेमाल कर सकते हैं जो कि ऑइल कंट्रोल भी करते हैं लेकिन अगर आपने सारे प्रॉडक्ट अपने त्वचा और मौसम के हिसाब से लिए हैं जैसे कि ऊपर बताया है तो फिर आप नॉर्मल सेटटिंग स्प्रे का इस्तेमाल भी कर सकते हैं |

लिपस्टिक –

लिपस्टिक या लीप टिंट लगाना किसे पसंद नहीं चाहे मेकअप लगाया हो या न लगाया हो लिपस्टिक तो जरूर लगते हैं ऐसे मे मौसम के हिसाब से कैसे लिपस्टिक का इस्तेमाल करने चाहिए ताकि हमारा मेकअप लूक ट्रेंडिंग भी लगे और मैंटेन भी | मेकअप शुरू करने से पहले स्किन केयर के दौरान लीप बाम या पेट्रोलियम जेली होठों पर लगा लेना चाहिए ताकी मेकअप खतम होने के बाद तक होंठ अपने नमी बरकरार रखे और लिपस्टिक लगाने से जस्ट पहले अतिरिक्त लीप बाम को पोंछ लेना चाहिए ताकि लिपस्टिक कि कवरेज और लास्टिंंग कम ना हो |

लिपस्टिक को ब्लूश की तरह लगाना सही या गलत

सर्दियों और गर्मियों के मेकअप में क्या अंतर है ?

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