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क्या आपका कंसीलर भी जल्दी crease करने लगता है? ये है 9 उपाय

मेकअप करना तो आज का ट्रेंड ही नही बल्कि आदत बन चुकी है, मेकअप से ही जुड़ा हुआ है कंसीलर, जो कि बेहद जरूरी स्टेप है, इसके बिना मेकअप ग्रे या काला दिखने दिखने लगता है, और कंसीलर लगाने से अक्सर मेकअप की लाइनें बननी लगती है, क्रीजिंग होने लगती है। क्या आपका कंसीलर भी जल्दी crease करने लगता है? सिर्फ कंसीलर ही नही कुछ फाउंडेशन जो 2 इन 1 होते हैं, वो भी काफी गाढ़े और ज्यादा कवरेज वाले होते हैं, और उनमें भी क्रीसिंग होती है। लेकिन अगर सही तरीके से लगाया जाए और कुछ बातों का ध्यान रखा जाए तो क्रीजिंग नही होगी। हर कोई Flawless और स्मूथ मेकअप की चाह रखता है, लेकिन जब क्रीजिंग होती है, तो हमारी सारी चाहत और मेहनत बेकार हो जाती है।

भ्रांतियां –

ऐसा नहीं है कि सिर्फ प्रोफेशनल मेकअप आर्टिस्ट ही क्रीजलेस मेकअप कर सकते हैं, अगर आप कुछ छोटी छोटी बातों का ध्यान रखेंगे तो प्रोफेशनल की तरह आपका मेकअप भी क्रिसलेस और स्मूथ दिखाई देगा।

ये भी जरूरी नहीं है कि महंगे ब्रांडेड कंसीलर में creasing नहीं होती होगी, कंसीलर महंगे हो या सस्ते उनकी कंसिस्टेंसी लगभग समान होती है, और अपने नेचर के कारण वो क्रीज करते हैं। इसलिए सिर्फ महंगे कंसीलर से मेकअप अच्छा दिखना जरूरी नहीं है।

जिनके आंखों के नीचे नेचुरल क्रीज लाइन होती है, फाइन लाइंस होती हैं, उनके ऊपर सारे तरीके अपना लेने के बाद ये सारे लाइंस पूरी तरह नहीं छुपते, हां कंसीलर फटा हुआ नहीं दिखता, जो नेचुरल क्रीज लाइन है वो नेचुरल ही दिखता है। लेकिन अगर कंसीलर की creasing हुई तो ये नेचुरल लाइंस और फाइन लाइंस बहुत ही ज्यादा फटे हुए और कंसीलर के शेड की लाइन दिखाई देने लगती है।

क्या होता है कंसीलर

कंसीलर बेस मेकअप का हिस्सा है, फाउंडेशन की तुलना में ये बहुत ज्यादा गाढ़े और क्रीमी होते हैं, ये भी फाउंडेशन की ही तरह अलग अलग शेड्स में आते हैं, कुछ कंसीलर अलग अलग रंगों में आते हैं जैसे – ऑरेंज, ग्रीन, येलो, पर्पल आदि, जिन्हें कलर करेक्टर का नाम दिया गया है, ये भी क्रीज करते हैं।

कंसीलर का काम चेहरे की कमियों को ढकना है, स्पॉट्स, डार्कनेस, दाग धब्बे आदि को फाउंडेशन पूरी तरह से ढक भी नही पाता, इसलिए इनको छुपाने के लिए कंसीलर का इस्तेमाल किया जाता है। ये कंसीलर अलग अलग फॉर्म में आते हैं जैसे कि – लिक्विड, क्रीम, केक, पैन केक, स्टिक इत्यादि। इन्हे इस्तेमाल का तरीका भी अलग अलग होता है लेकिन फिर भी क्रीजिंग होने लगती है।

क्रिसिंग के कारण

कंसीलर भले ही कई प्रकार के आते हैं, इस्तेमाल के तरीके भी अलग अलग हों लेकिन क्रीजिंग के कारण अक्सर एक जैसे ही होते हैं। जैसे कि –

रूखापन–

मेकअप से पहले चेहरे को मेकअप के लिए तैयार करना बहुत जरूरी है, इसके लिए डेली स्किन केयर रूटीन के साथ साथ मेकअप प्रिपरेशन भी करना चाहिए। मेकअप और उसमे मिले इंग्रेडिएंट त्वचा की नमी को सोखने लगते हैं, और इसलिए मेकअप की वजह से त्वचा रूखी दिखने लगती है, यही रूखापन creasing लाता है। मेकअप लगाने से पहले एक अच्छा सा नमी वाला मॉइश्चराइजर और आंखों के लिए आई क्रीम का इस्तेमाल जरूर करें। अगर आई क्रीम नही लगाते हैं तो मॉइश्चराइजर को थोड़ा अतिरिक्त लेकर आंखों के आस पास दूसरा लेयर लगा लें।आंखों के पास की त्वचा चेहरे से ज्यादा मुलायम और नाजुक होती है, साथ रूखापन भी जल्दी होता है, इसलिए इन्हे अतिरिक्त नमी की जरूरत पड़ती है। मॉइश्चराइजर के 1 मिनट बाद मेकअप प्राइमर जरूर लगाएं ताकि मेकअप लंबे समय तक टिका रहे।

ब्लेंडिंग –

चाहे लिक्विड हो या केक, स्टिक हो या पैनकेक सारे कंसीलर को अच्छी तरह ब्लेंड करने की जरूरत होती है, सिर्फ लगाना काफी नहीं होता है, लगाने के बाद अच्छी तरह से स्किन में सेट करने के लिए ब्लेंडिंग का सही और सटीक होना जरूरी है। जल्दी के चक्कर में मेकअप अच्छे से ब्लेंड नहीं होता है, एक एरिया के कंसीलर को ब्लेंड करने में कम से कम 30 सेकंड का टाइम लगता ही है, उससे कम समय में भले ही आपको मेकअप ब्लेंडेड दिखाई दे लेकिन वो स्किन में अच्छे से सेट नही हुआ होता है, इसलिए समय देकर ब्लेंडिंग करें। ब्लेंड करने के लिए किसी अच्छे घने कंसीलर ब्रश या फिर हल्के गीले ब्यूटी ब्लेंडर / स्पोंज का इस्तेमाल करें। ब्लेंड करने लिए दाएं बाएं घुमाने के जगह स्पोंज या ब्रश को आंखों के पास डेब या प्रेस करें, इससे मेकअप अच्छी तरह से ब्लेंड होता है और त्वचा में अच्छे से सेट भी होता है।

सेटिंग –

कंसीलर को अच्छे से ब्लेंड करना जितना जरूरी है, उतना ही उसे सेट करना भी जरूरी है, सेट करने के लिए पाउडर का इस्तेमाल करें, चाहे आपकी त्वचा ड्राई हो, कंसीलर के लिए पाउडर लगाना जरूरी है, और आजकल तो बाजार में पाउडर भी हाइड्रेटिंग और मॉश्चराइजिंग आते हैं, जो कि ड्राई स्किन के लिए भी होते हैं। कॉम्पैक्ट पाउडर, लूज पाउडर, बनाना या ट्रांसलूसेंट जैसे किसी भी पाउडर का इस्तेमाल कर सकते हैं कंसीलर के लिए, साथ ही अगर आपको बहुत ज्यादा creasing होती है तो सिर्फ और सिर्फ सेटिंग पाउडर का ही इस्तेमाल करें। और पाउडर लगाने से पहले सुनिश्चित कर लें कि कंसीलर की लाइन तो नहीं बनी है, वरना वो पाउडर से वैसे ही सेट हो जाएगा, अगर लाइन बन गई है तो अपने ब्रश या स्पोंज से फिर से ब्लेंड करें और तुरंत पाउडर लगा कर सेट कर लें।

गलत प्रोडक्ट–

कंसीलर हो या फाउंडेशन, स्किनकेयर हो या मेकअप हर प्रोडक्ट हर स्किन टाइप के लिए अलग अलग बनते हैं, तो अपने लिए अपनी त्वचा को ध्यान में रखकर ही प्रोडक्ट का चुनाव करें। त्वचा को मेकअप के लिए तयार करने के लिए भी सही प्रोडक्ट ही चुनें।

अपने पसंदीदा कंटेंट क्रिएटर, यूट्यूबर, सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर को देखकर प्रोडक्ट का चुनाव करें, को प्रोडक्ट्स उन्होंने अच्छे बताएं हैं आप भी वही लें, क्योंकि ऐसे क्रिएटर अपने ऊपर अलग अलग ब्रांड और अलग अलग टाइप के प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करते रहते हैं, और नए प्रोडक्ट्स की भी जांच करते हैं, तो ये क्रिएटर आपको आसानी से बता सकते हैं कि कौन सा कंसीलर या फाउंडेशन अच्छा है, कौन सा नहीं।

सेटिंग स्प्रे –

पाउडर से मेकअप सेट करने के बाद भी कहीं कहीं पर मेकअप ठीक से सेट नही होता है, इसलिए मेकअप सेटिंग स्प्रे का इस्तेमाल जरूर करें, ये बजट में भी मिल जाते हैं, और स्किन टाइप के हिसाब से भी, या आप चाहे तो सोशल मीडिया में देखकर अपने लिए सेटिंग स्प्रे घर पर ही बना सकते हैं। पाउडर लगाने के बाद सेटिंग स्प्रे को चेहरे से 15 से 20 सेंटीमीटर दूर पर रखकर ही स्प्रे करें, इससे प्रोडक्ट पूरे चेहरे पर अच्छे से फैलता है, और जरूरत से ज्यादा भी नहीं लगता ।

नेचुरल आईलाइंस –

कुछ लोगों की त्वचा पर जन्म से ही नेचुरल लाइंस होती हैं, आंखों के नीचे भी और होंठो के आस पास स्माइल लाइंस भी नेचुरल होती हैं। और कुछ लोगों में बढ़ती उम्र के कारण फाइन लाइंस और रिंकल्स बन जाते हैं, इन्हे किसी भी मेकअप से पूरी तरह नहीं ढका जा सकता। कंसीलर या फाउंडेशन को अच्छी तरह सेट करने के बाद भी ये लाइंस दिखाई देते ही हैं, इन्हे Creasing नहीं कहा जाता, लेकिन अगर ठीक से कंसीलर सेट न हो तो कंसीलर का शेड इन लाइनों पर फटा हुआ सा दिखाई देता हैं, जिसे क्रीजिंग कहते हैं। जिनकी आंखों के पास नेचुरल लाइंस होती हैं, उन्हे क्रीजिंग काफी जल्दी होने लगती है, इसलिए हर तरफ पूरा कंसीलर लगाने के बजाय, कंसीलर को एक एक साइड लगाकर पाउडर से तुरंत सेट करते जाएं। उदाहरण के लिए– दाएं अंडर आई पर कंसीलर लगाकर ब्लेंड कर लें फिर तुरंत पाउडर से सेट करें उसके बाद बाएं अंडर आई पर कंसीलर लगाएं और तुरंत सेट करें, इसी तरह स्टेप बाय स्टेप जहां जहां पर कंसीलर की जरूरत है, लगा लगा कर पाउडर से सेट करते जाएं।

लास्टिंग –

महंगे हो या सस्ते हर मेकअप प्रोडक्ट का लास्टिंग टाइम अलग अलग होता है, कुछ सिर्फ 2 से 3 घंटे ही टिकते हैं कुछ पूरे दिन चेहरे पर टिके रहते हैं, इसलिए इन प्रोडक्ट्स को लॉन्ग लास्टिंग बनाने के लिए सेटिंग स्प्रे का इस्तेमाल किया जाता है।

 

ये  है 9 उपाय 

कंसीलर का क्रीज करना काफी आम बात है, तुरंत नही तो 2–3 घंटो बाद creasing दिखाई देने लगती है, लेकिन अगर हम इन बातों का ध्यान रखेंगे तो Creasing से बच सकते हैं।

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इन बातों का ध्यान रखें 

कंसीलर और मेकअप कैसे लगाया जाता है आप यहां वीडियो में देख सकते हैं – स्टेप बाय स्टेप मेकअप कैसे करें।

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