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ये हैं stretch मार्क के 6 कारण और इलाज

ये हैं stretch मार्क के 6 कारण और इलाज

(ये हैं stretch मार्क के 6 कारण और इलाज ) स्ट्रेच मार्क आज कल काफी ज्यादा कॉमन परेशानी बन गयी है, बच्चों के शरीर मे भी ये निशान देखने को मिलते हैं | चाहे लड़के हों या लड़कियां लगभग हर किसी के शरीर मे ये स्ट्रेच मार्क दिखने लगते हैं | ज़्यादातर पेट, पीठ, कंधे और कमर पर ये निशान दिखाई देते हैं | हमारी बिज़ि और फास्ट लाइफ स्टाइल इसका एक बहुत बड़ा कारण है, और भी कुछ साधारण से कारण हैं जीने कारण ये स्ट्रेच मार्क आते हैं और फिर जाने का नाम नहीं लेते हैं |

क्या है स्ट्रेच मार्क ?

त्वचा मे खिंचाव के कारण लंबी लंबी लाइनों जैसे निशान शरीर के कुछ हिस्सों मे दिखाई देते हैं, ये लाइन सफ़ेद या हल्के गुलाबी लाल दिखाई देते हैं, साथ ही हल्के चमकदार भी दिखाई देते हैं | अक्सर ये लाइने औरतों के पेट मे डेलीवेरी के बाद देखते थे लेकिन आज कल बच्चे, बूढ़े, लड़के लड़कियां सभी के शरीर के अलग अलग हिस्सो मे ऐसे स्ट्रेच मार्क के निशान दिखाई देते हैं |

स्ट्रेच मार्क कैसे बनता है –

त्वचा के खिंचाव के कारण त्वचा की बीच की परत जिसे dermis कहते हैं, वो फट जाती है, जो की त्वचा की दूसरी layer को दिखने लगती है | dermis लेयर मे काफी मजबूत फ़ाइबर होते हैं जो की त्वचा को stretechable बनाए रखते हैं लेकिन जब शरीर बढ्ने लगता है और काफी तेजी से बढ़ता है तो ये फ़ाइबर टूटने लगते हैं | जब ये Dermis खींचते हैं तो हमारे ब्लड वेस्सल्स दिखाई देने लगते हैं और इसीलिए शुरुआत मे स्ट्रेच मार्क लाल गुलाबी या पर्पल दिखाई देते हैं |

जब से ब्लड वेस्सल्स सिकुड़ने लगते हैं तो स्किन के नीचे का पीला fat दिखने लगता है और ये स्ट्रेच मार्क चमकदार सफ़ेद जैसे हो जाते हैं |

फ़ेश्यल मसाज के फायदे

stretch मार्क के 6 कारण –

इनके कारणो मे ही इनकी सावधानियाँ भी छुपी हुई हैं, अगर इन कारणो को जान गए तो आसानी से इनसे बच सकते हैं, क्यूंकी अगर एक बार ये निशान शरीर पर पड़ जाएँ तो इन्हे पूरी तरह ठीक करना, गायब करना नामुमकिन सा हो जाता है | तो आइये इनके कारण जानते हैं –

1) Pragnancy (गर्भावस्था) –

गर्भावास्ता मे अक्सर पेट मे ये स्ट्रेच मार्क के निशान बन जाते हैं, पेट बढ़ता है और त्वचा मे अत्यधिक खिचाओ होता है साथ ही डेलीवेरी के बाद पेट फिर से कम हो जाता है जिसके कारण त्वचा की elasticity कमजोर होती है और स्ट्रेच मार्क पड़ जाते हैं | ऐसे मे गर्भावस्था के चौथे पंचवे महीने से ही पेट मे ऑइल मसाज या डॉक्टर द्वारा किए हुए लोशन का रोजाना इस्तेमाल करें | इससे स्ट्रेच मार्क कम होंगे |

2) अचानक वजन बढ़ना –

चाहे लड़के हों या लड़कियां जब अचानक से उनके वजन बढ्ने लगते हैं, तो शरीर के कुछ हिस्सों मे fat बढ़ता है और त्वचा मे खिंचाव आता है, उन हिस्सों मे स्ट्रेच मार्क जल्दी पड़ने लगते हैं | जैसे – जांघों पर, पीठ पर, और कंधों पर सबसे पहले स्ट्रेच मार्क आते हैं | जिंका मोटापा पेट की तरफ तेज़ी से बढ़ता है उनके पेट मे और पेट के आस पास ये स्ट्रेच मार्क बनने लगते हैं |

नियमित रूप से शरीर मे ऑइल मसाज जरूर करें ताकि त्वचा मे रूखापन ना आए | और अच्छी सेहत के लिए अपना वजन नियंत्रित रखना जरूरी है |

3) Puberty –

युवावस्था के समय शरीर मे काफी सारे हॉर्मोनल बदलाव होते हैं तो शरीर की बनावट भी बदलती है, ये बदलाव काफी तेज़ी से होता है, जिससे कई हिस्सों मे स्ट्रेच मार्क पड़ना आम बात है | लेकिन अगर आपको हल्के लाल या गुलाबी निशान दिखाई देने लगे तो समझ जाइए की स्ट्रेच मार्क आ रहे हैं, ऐसे मे तुरंत स्ट्रेच मार्क क्रीम या लोशन या ऑइल मसाज का इस्तेमाल शुरू कर दें ताकि वह जल्दी से ठीक हो जाए |

4) फॅमिली History –

अगर आपके परिवार मे मम्मी, पापा, दादी, नानी, इत्यादि के शरीर पर स्ट्रेच मार्क की समस्या है तो आपको भी होगी, क्यूंकी आपका शरीर और त्वचा भी उनही की तरह ही है | इसलिए अपने खान पान और hydration का हमेशा ध्यान रखें |

5) कोलाजन की कमी –

कोलाजन एक तरह का प्रोटीन है जो की त्वचा मे लचिलापन लता है| आपने अक्सर सुना होगा की अच्छे से स्किन केयर करो, सीरम लगाओ, कोलाजन बूस्ट होगा, लेकिन ये चीज़ें हम अपने चहरे पर ही लगते हैं जिससे चहरे की त्वचा का प्रोटीन बरकरार रहता है, और चेहरे पर आपको स्ट्रेच मार्क नहीं दिखेगा | लेकिन हाथ पैर, या शरीर के बाकी हिस्सों की नमी का ध्यान नहीं रखते इसलिए स्ट्रेच मार्क जल्दी आने लगते हैं |

6) कार्टिकोस्टेराइड्स क्रीम –

ऐसे क्रीम या लोशन जो की स्वेल्लिंग, एक्सिमा, इत्यादि के इलाज़ के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं, इनके कारण भी स्ट्रेच मार्क होते हैं क्यूंकी ये कोशिकाओं की सिकुड़न को बढ़ते हैं, त्वचा को ड्राइ करते हैं, इसलिए ऐसे क्रीम या लोशन हमेशा Dr की सलाह से ही इस्तेमाल करें |

स्ट्रेच मार्क के इलाज़ –

अगर स्ट्रेच मार्क नए हैं, जो कि हल्के लाल या गुलाबी दिखाई देते हैं तो इनका इलाज संभव है, स्ट्रेच मार्क reduction क्रीम या लोशन या ऑइल लगाकर ठीक किया जा सकता है, लेकिन अगर ये मार्क सफ़ेद चमकदार हो गए है तो इनका कोई इलाज नहीं है | ऐसे क्रीम या लोशन से ये सिर्फ कुछ हद तक हल्के होंगे, पूरी तरह से ठीक या गायब नहीं होते हैं |

कॉस्मेटिक surgury – इनसे भी स्ट्रेच मार्क को 100% नहीं मिटाया जा सकता है, लेसर tharepy भी इसका ही हिस्सा है |

सावधानियाँ –

वजन नियंत्रण और सेहतमंद डाइट लें | त्वचा को लचीला बनाए रखने वाले, कोलाजन बढ़ाने वाले फल, सब्जिया खाएं और ऐसे ही कॉस्मेटिक्स का इस्तेमाल करें, जो कि त्वचा को वाकई मे नमी दे |

हर रोज सिर्फ चेहरा ही नहीं, पूरे शरीर कि नमी का खयाल रखे, पूरा स्किन केयर करें | अगर नमी बनी रहेगी तो लचिलापन बना रहेगा |

सिर्फ बाहरी कॉस्मेटिक पर निर्भर न रहें, शरीर को अंदर से भी hydrated रखना जरूरी है, इसलिए पानी और पानी वाली चीजों का ज्यादा से ज्यादा सेवन करें |

ऑइल मसाज, बॉडी मसाज रोज नहीं तो हफ्ते मे एक बार जरूर करें या करवाएँ ताकि त्वचा और मांसपेशियाँ सेहतमंद बनी रहे |

सच्चाई ये है कि –

हम pragnancy को नकार नहीं सकते, जिससे 90% तक स्ट्रेच मार्क होते हैं , लेकिन अच्छा खाना, सेहतमंद दिनचर्या, ऑइल मसाज, इत्यादि त्वचा के लचीलेपन को बढ़ा सकते हैं और स्ट्रेच मार्क का असर कम कर सकते हैं |

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