ये चीज़ें ऑयली त्वचा को नही लगानी चाहिए

अक्सर हम यूट्यूब, इंस्टाग्राम या गूगल पोस्ट पर कोई भी स्किनकेयर वाली पोस्ट देखते हैं, पढ़ते हैं तो उन्हें अपने ऊपर इस्तेमाल करके पोस्ट में बताए हुए फायदे की उम्मीद करते हैं, हम जो भी प्रोडक्ट्स या घरेलू चीज़ें अपने चेहरे पर लगाते हैं, जरूरी नहीं की सारी चीज़ें हमे फायदा ही दे, कुछ चीजों से नुकसान भी हो सकते हैं, अगर हम गलत ingredient ले लें तो फायदे के बजाय नुकसान भी हो सकता है, मुंहासे, एक्ने, रैशेज कालापन जैसे प्रॉब्लम्स आ सकते हैं।मेरी त्वचा को सूट करने वाली चीजें, इंग्रेडिएंट्स, घरेलू नुस्खे, बाजार के प्रोडक्ट्स आपके लिए भी फायदेमंद हो ये ज़रूरी नहीं है।

इसलिए हमें हमेशा अपनी त्वचा की जरूरतों को समझना चाहिए, त्वचा के प्रकार को ध्यान में रखकर ही किसी भी ingredient को इस्तेमाल करना चाहिए। हर प्रोडक्ट और उसके इंग्रेडिएंट्स त्वचा के प्रकार और प्रोब्लम को ध्यान में रखकर बनाए जाते हैं, वैसे ही घरेलू नुस्खे में जो चीज़े इस्तेमाल होती है वो भी हर त्वचा के लिए अलग अलग तरीके और क्वांटिटी में इस्तेमाल करनी चहिए। इस पोस्ट में हम जानेंगे कि ऑयली त्वचा को कौन से इंग्रेडिएंट्स से बचना चाहिए या कम इस्तेमाल करना चाहिए।

कुछ बेसिक इंग्रेडिएंट्स जिनके बारे में हम अक्सर सुनते हैं, चाहे वो बाजार वाले प्रोडक्ट्स में हो या घरेलू नुस्खे में, तो हम उन्हीं इंग्रेडिएंट्स के बारे में जानते हैं।

दही (Curd)

दही में लैक्टिक एसिड होता है, जो की स्किन की रेडनेस और रैशेज को ठीक करने में मदद करता है, स्किन को एक्सफोलिएट करता है, और उसे बेहद और चमकदार बनाता है, स्किन को पॉलिशिंग देता है, और स्किन के रूखेपन से होने वाले irritation को दूर करता है, टैनिंग या कालापन ठीक करता है। लेकिन ये उपाय सिर्फ और सिर्फ ड्राई से नॉर्मल स्किन के लिए है, ऑयली या combination स्किन वालो को दही चेहरे पर लगाने से बचना चाहिए। क्यूंकि ये बहुत क्रीमी और तेलीय नेचर के होते हैं इसलिए ये त्वचा के अतिरिक्त ऑयल को और बढ़ा सकते हैं, और साथ ही मुंहासे, एक्ने जैसी समस्या हो सकती है।

नोट – कुछ बाजारी प्रोडक्ट्स में Curd मेन इंग्रेडिएंट होता है, और उसमे “All skin Types” लिखा होता है, ऐसे प्रोडक्ट आप इस्तेमाल कर सकते हैं, इनमे दही के गाढ़ेपन, ऑयल या क्रीम को बैलेंस करने के लिए और भी ingredient मिलाए जाते हैं।

मलाई (मिल्क क्रीम)

मलाई त्वचा को नमी देकर उसे सॉफ्ट और स्मूथ बनाता है, ये एक नेचुरल क्लींजर की तरह काम करता है, चेहरे से धूल प्रदूषण के कण को साफ करता है, एक तो ये  छूने में ही काफी तेलीय है, बहुत सारा नमी और पोषण देता है त्वचा को लेकिन दही की ही तरह मलाई में भी काफी मात्रा में fat और तेल होता है, जो कि ऑयली त्वचा के लिए फायदेमंद नही है। जिन चीजों में पहले से ही ढेर सारा ऑयल हो उन्हें ऑयली त्वचा पर तो बिलकुल भी नहीं लगाना चाहिए।

लेकिन आप चाहें तो मलाई को कोहनी, घुटने या पीठ आदि के रूखेपन को दूर करने के लिए लगा सकते हैं, ज्यादातर लोगों का चेहरा ऑयली होता है लेकिन बॉडी की त्वचा ड्राई होती है, और अगर चेहरा ड्राई है तो बाकी त्वचा नॉर्मल या ऑयली होती है।

ऑलिव/आर्गन/almond/coconut/avocado ऑइल्स

ये सभी ऑयल अतिरिक्त पोषण देने का काम करते हैं, इसलिए ये ड्राई और नॉर्मल त्वचा के लिए ही सही है। लेकिन ऑयली त्वचा के लिए नुकसानदेह है, इन सब में कोकोनट ऑयल या नारियल का तेल चेहरे को साफ करने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं, लेकिन लगाकर कई घंटो के लिए छोड़ देना या मॉइश्चराइजर की तरह लगाना ऑयली त्वचा के लिए नुकसानदेह हो सकता है। कुछ oils जैसे कि कैस्टर, seseme (तिल का तेल) ऑयली त्वचा के लिए अच्छे साबित हुए हैं ये स्वयं ऑयल हैं लेकिन त्वचा के अतिरिक्त ऑयल को कंट्रोल करने में, उन्हें साफ करने में मदद करते हैं।

दूध और क्लींजिंग मिल्क

Raw milk या कच्चा दूध चेहरे को साफ करने में मदद करता है, क्लींजिंग मिल्क जो बाजार में मिलते हैं वो भी एक्स्ट्रा क्लींजिंग का काम करते हैं, लेकिन ये ऑयली स्किन को ब्रेकआउट, मुंहासे एक्ने जैसी समस्या दे सकते हैं।ऑयली त्वचा पर दूध लगाने से ये तुरंग तो थोड़ी सफाई दे देंगे लेकिन कुछ समय बाद पहले से ज्यादा तेल जेनरेट हो जाता है। ऑयली त्वचा पर ऐसे प्रोडक्ट या इंग्रेडिएंट्स लगाने चाहिए जो ऑयल को कंट्रोल करने में मदद करे ना की उसे बढ़ाने में। दूध या क्लींजिंग मिल्क की वजह से पोर्स और ज्यादा बड़े हो जाते हैं जिसके कारण ज्यादा तेल बाहर आने लगता है।

मसाजिंग क्रीम

मसाजिंग क्रीम बहुत ही ज्यादा क्रीमी होते हैं, साथ ही काफी ऑयली और गाढ़े होते हैं, जिसकी वजह से ये जल्दी त्वचा में एब्जॉर्ब नहीं होते और त्वचा के ऊपर की सतह पर बैठ जाते हैं, जिससे oily त्वचा का ऑयल लेवल और बढ़ जाता है, जिससे पिंपल्स, ब्रेकआउट जैसी समस्या बढ़ने लगती है, और चेहरे पर पहले से ज्यादा ऑयल आने लगता है, और कभी कभी इन सबकी वजह से चेहरा बिल्कुल dull और बेजान दिखने लगता है, फेस वॉश, या क्लीन करने के बाद भी चेहरा फ्रेश नही लगता।

चेहरे पर लगातार अत्याधिक ऑयल या तेल का बनना त्वचा को बुझा हुआ बना देता है, साथ कालेपन की समस्या भी आने लगती है, इसलिए हमेशा ऐसी ऑयली और क्रीमी चीजों से बचना चाहिए।

डीप मॉइश्चराइजर

आज कल काफी ज्यादा ड्राइनेस की समस्या होती है जिसकी वजह से बाजार में तरह तरह के moiturisers आते हैं, जिनमे से एक है, डीप मॉइश्चराइजर जो कि बहुत ज्यादा नमी वाला है, बहुत thick होता है, और कई घंटो तक त्वचा को मॉश्चराइज्ड रखता है, लेकिन ये डीप मॉइश्चराइजर खासकर ड्राई या शुष्क त्वचा के लिए ही होते हैं। कुछ All Skin Types के लिए भी आते हैं, जो आप इस्तेमाल कर सकते हैं क्योंकि इनमे सारे इंग्रेडिरेंट्स बैलेंस होते हैं।

ऑयली हो या ड्राई, एक्स्ट्रा ड्राइनेस की समस्या हर त्वचा में होती है, फर्क सिर्फ इतना है कि ऑयली त्वचा ऑयल रिलीज करता है, मॉइश्चर नही, ऑयल और मॉइश्चर दोनो ही अलग अलग चीज़ें है, इसलिए ऑयली त्वचा को भी मॉइश्चराइजर लगाने चाहिए, ऐसे प्रोडक्ट जिनमे ऑयल न हो या बहुत ज्यादा कम हो।

कोकोनट मिल्क या क्रीम

नारियल का दूध या मलाई आज कल स्किनकेयर प्रोडक्ट्स का बहुत अहम हिस्सा बन चुका है, साथ ही हेयरकेयर प्रोडक्ट्स में भी इनका इस्तेमाल किया जाता है, ये अत्यधिक नमी और पोषण से भरपूर होते हैं, लेकिन बेहद क्रीमी होते हैं, इसलिए ऑयली त्वचा को सूट नही करते, तो जिन चीजों में कोकोनट मिल्क या कोकोनट क्रीम इंग्रेडिएंट्स लिखा हो उन्हें अपने स्किनकेयर रेजीम से हटा दें।

तो ये थे कुछ ऐसे इंग्रेडिएंट्स जो त्वचा के ऑयल या सेबम को और भी ज्यादा बढ़ा देते हैं, इसलिए इनका इस्तेमाल कभी भी ना करें। अक्सर जो प्रोडक्ट्स या कॉस्मेटिक हम खरीदते हैं, उनके पैकिंग बॉक्स में इंग्रेडिएंट्स की लिस्ट होती है, खरीदने से पहले वो लिस्ट जरूर पढ़ें अगर ऊपर लिस्ट की हुई चीजों में से कोई भी ingredient उस कॉस्मेटिक या प्रोडक्ट्स में है तो उसे न खरीदें, वरना इससे आपके पैसे तो बर्बाद होंगे ही साथ चेहरे पर भी नेगेटिव असर होगा।

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