Site icon mirrormybestiebyshraddhasao.in

स्किनकेयर के 5 बेसिक क्या क्या है ?

स्किनकेयर के 5 बेसिक क्या क्या है ?

अच्छा और खूबसूरत दिखना किसे पसंद नहीं है, लेकिन इसके लिए त्वचा का ख़ास ध्यान रखना पड़ता है इसके लिए कुछ 5 बेसिक हैं जो हर किसि को फॉलो करना चाहिए | इनकी मदद से आप आसानी से बेहतर त्वचा प् सकते हैं और इसके लिए किसी महंगे प्रोडक्ट की जरुरत नहीं है बस स्टेप फॉलो होने चाहिए और और प्रोडक्ट्स आपके स्किन टाइप के अनुसार होने चाहिए | कुछ स्टेप में आप घरेलु नुस्खे का उपयोग भी कर सकते हैं |

Cleansing

सबसे पहला स्टेप होता है त्वचा को अच्छी तरह साफ़ करना, इसका मतलब केवल चेहरा धोने या फेस वाश करने से नहीं है बल्कि अच्छी तरह वाश करने से है, साफ़ करने से है जिसके लिए हम डबल क्लींजिंग शब्द का उपयोग करते हैं, इसके लिए आपको कोई भी टोनर या क्लींजिंग बाम या आयल ( जैसे की – नारियल तेल या बेबी आयल या ओलिव आयल या फेसिअल आयल ) लेना है और 4-5 बून्द हथेलियों में मिलकर चेहरे पर लगाना है और अच्छी तरह मालिश करनी है इसके बाद किसी कॉटन बॉल या कपडे से इसे पोछ लेना है इससे चेहरे के कई गंदे सेल्स आयल में फूलकर बहार निकल जाते हैं जो कि केवल फेस वाश से नहीं निकल पाते | आयल हटाने के बाद अपने रेगुलर फेस वाश से अपना चेहरा धो लें |
ऐसी क्लींजिंग आपको हफ्ते में काम से काम 2 बार जरूर करना चाहिए लेकिन अगर आप काफी ज्यादा धूल मिटटी वाले जगह पर रहते हैं या ऐसी जगह काम करते हैं या चेहरे पर मेकअप लगते हैं तो आपको हर रोज ऐसे डबल क्लींजिंग करनी चाहिए | ताकि त्वचा से अतिरक्त कण निकल जाये |

Exfoliation

एक्सफोलिएशन मतलब त्वचा के मृत कोशिकाओं को बहार निकालना, ब्लैकहेड्स, वाइट हेड्स, अतिरिक्त आयल, पोर्स में मौजूद गन्दगी इत्यादि सिर्फ फेस वाश करने से साफ़ नहीं होते त्वचा को समय समय पर एक्सफोलिएट करना होता है ताकि नयी कोशिकाएं अच्छी तरह विकसित हो सके और त्वचा में ब्लड सर्कुलेशन भी बेहतर हो जाए | इसके लिए स्क्रब, मास्क, पील ऑफ, लोशन जैसी चीज़ों का इस्तेमाल कर सकते हैं | ये रोज की जुर्रत नहीं होती है बल्कि हफ्ते में 2 से 3 बार एक्सफोलिएट करना काफी होता है, इससे ज्यादा एक्सफोलिएशन त्वचा के प्राकृतिक नमी को काम कर सकती है उसे रुखा बना सकती है | आज कल एक्सफोलिएशन का नया तरीका आ चूका है, कुछ इंग्रेडिएंट्स हैं जैसे की -AHA लैक्टिक एसिड इत्यादि जो की लोशन या क्रीम में मिलाये जाते हैं जो हर रोज के इस्तेमाल से धीरे धीरे त्वचा को एक्सफोलिएट करते हैं, ये सीरम, मॉइस्चरीज़र में से कोई भी हो सकता है |

Toner

टोनर पानी जैसा होता है जो कई तरह से जरुरी और फायदेमंद इंग्रेडिएंट्स से बना होता है इसे चेहरे पर लगाने से चेहरे की टोन या कलर एकसार होती है जिसे आम भाषा में इवन टोन स्किन कहते हैं | इसे लगाने के लिए एक रुई के टुकड़े या बॉल को टोनर से गिला करें और चेहरे और गर्दन पर घुमाएं इससे फेस वाश करते समय पानी की जो अशुद्धियाँ त्वचा के पोर्स में बैठी होंगी वो निकल जाएँगी | टोनर इंग्रेडिएंट्स के कारन अलग अलग त्वचा के लिए अलग अलग आते हैं अगर आपकी त्वचा ऑयली है तो आयल कण्ट्रोल टोनर, ड्राई है तो hydrating’ टोनर का इस्तेमाल करना चाहिए | साथ ही स्किन कंसर्न जैसे एक्ने, पिम्पले, लार्ज पोर्स, डॉयनेस इत्यादि के लिए अलग टोनर आते हैं |

Treatment

टोनर लगाने के बाद स्किन ट्रीटमेंट के प्रोडक्ट्स जैसे की एसेंस, सीरम, अंडर ऑय क्रीम और मॉइस्चरीज़र जैसे प्रोडक्ट्स जरुरी होते हैं ये सभी आपके स्किन टाइप के अनुसार होने चाहिए जैसे की एसेंस आयल कण्ट्रोल या hydrating , सीरम एक्ने के लिए, डॉयनेस के लिए या एंटी aging के लिए होने चाहिए | अंडर ऑय क्रीम आँखों के निचे के त्वचा को अतिरिक्त नमी दने के लिए होते हैं और मॉइस्चरीज़र स्किनकेयर का सबसे जरुरी स्टेप है जो की हर प्रकार की त्वचा के लिए जरुरी है और इससे त्वचा की कोशिकाओं में नमी बानी रहती है और त्वचा ड्राई होने से बचती है |

Protection

त्वचा पर इतनी म्हणत करने के बाद इसे बहरी हवा से शुष्क होने से बचाना है, धुप से बचाना है ताकि कालापन औरaging जैसी समस्या ना हो इसके लिए एक अच्छे SPF और PA+++ की जरुरत होती है जो की सनस्क्रीन में होता है सनस्क्रीन त्वचा को ना सिर्फ धूप की हानिकारक किरणों से बचाता है बल्कि स्किनकेयर के पहले 4 स्टेप्स को प्रोटेक्ट भी करता है और त्वचा को समाया से पहले बूढ़ा होने से बचता है | सनस्क्रीन भी त्वचा के अनुसार ऑयली, मैट, Dewy इत्यादि प्रकार के होते हैं ,SPF त्वचा को कला होने से बचता है और PA+++ त्वचा को धुप के कारन होने वाले जलन, इन्फेक्शन और कैंसर से बचता है |

मुहांसों से जुड़ी ये बातें हमेशा ध्यान रखेंKetogenic Diet : वजन कम करता है या नहीं ?

Exit mobile version